शनिवार, 30 मई 2020

विशेषण की परिभाषा व उसके प्रकार

                             विशेषण



 विशेषण वह शब्द है जो वाक्य में प्रयोग की गई संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करता है।

( विशेषण शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम पदों की विशेषता बताता है उसे विशेष्य कहते हैं )


 विशेषण के चार भेद होते हैं ।
(1)गुणवाचक विशेषण 
(2)संख्यावाचक विशेषण 
(3)परिमाणवाचक विशेषण 
(4)संकेतवाचक विशेषण


(1) गुणवाचक विशेषण= जिस विशेषण शब्द से संज्ञा सर्वनाम के गुण दोष आकार स्थान रंग दशा अवस्था का बोध हो उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं जैसे- 
         (क) बाग में सुंदर लड़की घूम रही है 
         (ख)आप नीली कमीज पहनेंगे 
         (ग)राधिका पतली है
         (घ) रावण दुष्ट था 

इन वाक्यो मे सुंदर, पतली ,दुष्ट  गुणवाचक विशेषण है

(2) संख्यावाचक विशेषण=  जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध कराते हैं उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहते हैं जैसे 
          
            (क)पेड़ पर चार चिड़िया बैठी है
             (ख) सभी बच्चे खेल रहे हैं 
 
इन वाक्यों में "चार "और "सभी" क्रमश: चिड़िया और बच्चे की संख्या संबंधी विशेषण का बोध करा रहे हैं अतः यह संख्यावाचक विशेषण है ।

संख्यावाचक विशेषण दो प्रकार के होते हैं 
             (1)निश्चित संख्यावाचक विशेषण                            (2)अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण 

(क)निश्चित संख्यावाचक=  विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित संख्या का बोध कराने वाले विशेषण को निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं जैसे- 
           (क) दो केले देना ।
           (ख) पांचवी कक्षा में 35 बच्चे हैं ।
           (ग) उसके पास चार पुस्तक के हैं ।
   
        इन वाक्यों में दो , 35 तथा चार शब्द एक निश्चित संख्या का बोध करा रहे हैं अतः यह शब्द निश्चित संख्यावाचक विशेषण है।

(ख) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण = संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित संख्या का बोध न कराने वाले विशेषण को अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं जैसे - 
         (क) घर में कुछ लोग आए हैं 
         (ख)कक्षा में आज थोड़े विद्यार्थी आए हैं 
         ( ग)दाल में कुछ नमक ज्यादा है
   
       इन वाक्यों में" कुछ "और "थोड़े" शब्द द्वारा किसी निश्चित संख्या का बोध नहीं हो पा रहा है अतः यह शब्द अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण है ।


(3) परिणाम वाचक विशेषण = परिमाणवाचक विशेषण जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की माप तोल संबंधी विशेषता प्रकट करते हैं उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं जैसे - 
         
          (क)मोहन 1 लीटर दूध रोज पीता है                     (ख)सीमा बाजार से 5 किलो आलू लाई। 
      

इन वाक्यों में 1 लीटर तथा 5 किलो शब्द दूध और आलू संज्ञा शब्दों का परिमाण मात्रा का बोध करा रहे हैं अतः.यह शब्द परिमाणवाचक विशेषण है ।


      परिमाणवाचक विशेषण दो प्रकार के होते हैं।                      
        (१) निश्चित परिणाम परिमाणवाचक विशेषण          (२)अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण 
     


(१) निश्चित परिमाणवाचक विशेषण=  जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित माप तोल का बोध बौद्ध कराते हैं उन्हें निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं जैसे - 
           * 5 किलो चावल 
           * 4 मीटर कपड़ा
          *  1 लीटर तेल
  
 इन वाक्यों में 5 किलो 4 मीटर तथा 1 लीटर रमसा क्रमशः चावल कपड़ा तथा तेल की एक निश्चित मात्रा का बोध करा रहे हैं  अतः यह शब्द परिमाणवाचक विशेषण है

(२) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण = जो शब्द संज्ञा व सर्वनाम की निश्चित माप तोल का बोध नहीं कराते हैं उन्हें अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं जैसे - 
            (क) थोड़े चावल चाहिए 
            (ख) दूध में चीनी कम डालना
            (ग)गिलास में थोड़ा पानी है
 
               इन वाक्यों में "थोड़े" ,"कम" तथा "थोड़ा "शब्द से किसी निश्चित मात्रा का बोध नहीं हो पा रहा है अतः यह शब्द अनिश्चितपरिमाणवाचक विशेषण है
 


             (4)संकेतवाचक विशेषण=  ऐसे सर्वनाम शब्द जो संज्ञा शब्दों से पहले आ कर विशेषण का कार्य करते हैं संकेतवाचक विशेषण या सर्वनामिक विशेषण कहलाते हैं जैसे-
            
        (क) वह लड़की कहां जा रही है 
        (ख) इस कुर्सी को कमरे में रख दो
         (ग) उसको बाहर ले जाओ
 
 इन वाक्यों में वह ,इस और उस शब्द क्रमशः लड़की ,कुर्सी और मेज की ओर संकेत कर रहे हैं अतः यह शब्द संकेतवाचक विशेषण है।




 स्मरणीय तथ्य

* संज्ञा व सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द विशेषण कहलाते हैं 

*विशेषण शब्द जिस शब्द की विशेषता बताते हैं उसे विशेष्य कहते हैं 

*विशेषण के चार भेद होते हैं गुणवाचक संख्यावाचक परिमाणवाचक और संकेतवाचक
 
* जो शब्द विशेषण शब्द की विशेषता प्रकट करते हैं उन्हें प्रविशेषण कहते हैं 

*विशेषण की तीन तुलनात्मक अवस्थाएं होती है मूल अवस्था उत्तर अवस्था उत्तम अवस्था 


*जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम के गुण दोष आकार प्रकार स्वाद गंध और काल स्थान आदि का बोध कराएं वह गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं 

*जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की माप तोल का बोध कराएं वह परिमाणवाचक विशेषण होते हैं

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